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टूलकिट मामले को लेकर सरकार हुई सख्‍त, ट्विटर द्वारा जारी जांच पर सरकार ने जताई आपत्ति

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता संबित पात्रा के कांग्रेस टूलकिट ट्वीट को मेनीपुलेटेड(छेड़छाड़) मीडिया करार दिए जाने की ट्विटर की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय सूचना तकनीक और इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय ने बोला कि इस मामले में भारत में जांच चल रही है। लगता है कि ट्विटर ने जांच को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर और पक्षपात के साथ ऐसा व्यवहार किया है।

सरकार ने कड़े शब्दों में बोला कि ट्विटर सिर्फ एक माध्यम है और वह इस तरह जांच के बीच कोई फैसला नहीं दे सकता है। ट्विटर ने अपनी सीमा को लांघा है।

दो दिन पहले संबित पात्रा ने एक ट्वीट कर बोला था कि कांग्रेस ने सरकार को बदनाम करने के लिए एक टूलकिट बनाया है। इसके खिलाफ कांग्रेस ने पुलिस में एफआइआर दर्ज कराई थी। जवाब में संबित पात्रा ने कांग्रेस की सौम्या वर्मा का नाम लेते हुए दावा किया कि उन्होंने ही इसे लिखा है।

सबूत के रूप में उन्होंने एक पेज भी अपलोड किया जिसे गुरुवार की रात ट्विटर ने मेनीपुलेटेड करार दिया। इसके बाद से जहां कांग्रेस हमलावर है, वहीं भाजपा का दावा है कि सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने पूरा एक दस्तावेज तैयार किया है।

इस बीच, सूचना तकनीक मंत्रालय ने ट्विटर को पत्र लिखा और बोला कि ट्विटर द्वारा लगाए गये “मेनीपुलेटेड मीडिया”

टैग को हटाए। इस मामले में एक पार्टी कानून की शरण में जा चुकी है। वहां टूलकिट की सत्यता की जांच की मांग की गई है। जांच चल रही है और वहीं से सत्यता सामने आएगी। ट्विटर का व्यवहार पक्षपाती है, लिहाजा टैग हटाए। बता दें कि पिछले दिनों में ट्विटर हमेशा विवादों में रहा है। कई मौके पर कांग्रेस की ओर से ट्विटर पर पक्षपात का आरोप लगाया गया।

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