बोर्ड परीक्षा को लेकर SC ने आँध्र प्रदेश से बोला, अगर कोई मरता है तो इसका ज़िम्मेदार राज्य सरकार को ठहराएंगे

बीते मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने बोर्ड परीक्षा को लेकर आँध्र प्रदेश सरकार से बहुत ही अहम बात बोली है। उन्होंने बोला कि अगर किसी की मौत होती है तो हम राज्य सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराएंगे। न्यायालय को राज्य सरकार द्वारा 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं कराने के निर्णय के बारे में सूचित करने के बाद उसने यह टिप्पणी की।
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ को सूचित किया गया कि आंध्र प्रदेश और केरल दो ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय किया है।
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने आँध्र प्रदेश के वकील से साफतौर पर बोला, ‘आपको 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए अच्छे कारण बताने होंगे। साथ ही, अगर किसी की मौत होती है तो हम इसका जिम्मेदार राज्य सरकार को ठहराएंगे।’
आँध्र प्रदेश राज्य की तरफ से पेश हुए वकील महफूज नाजकी ने बोला कि सरकार ने अभी तक परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय किया है, लेकिन अंतिम निर्णय जुलाई के पहले हफ्ते में किया जाएगा। साथ ही, पीठ ने यह भी जानना चाहा कि अंतिम निर्णय को जुलाई के पहले हफ्ते तक टालकर राज्य छात्रों के बीच अनिश्चितता क्यों पैदा कर रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने राज्य की ओर से पेश हुए वकील नाजकी से बोला, ‘आप बुधवार तक निर्णय कीजिए और हम बृहस्पतिवार को मामले पर फिर से सुनवाई करेंगे।’
शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
केरल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील जी. प्रकाश ने बोला कि उन्होंने हलफनामा दायर कर परीक्षा आयोजित कराने के राज्य सरकार के निर्णय के बारे में बताया है।
न्यायालय की पीठ ने बताया कि वह बृहस्पतिवार को केरल सरकार के हलफनामे पर विचार-विमर्श करेगा और साथ ही राज्य के एक छात्र संगठन को बोला कि प्रदेश सरकार के जवाब पर जवाबी हलफनामा दायर करे।
असम और त्रिपुरा की सरकारों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि महामारी के कारण उन्होंने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। वहीं, कर्नाटक सरकार के वकील ने भी यह बोला था कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं, लेकिन दसवीं की परीक्षा के बारे में अंतिम निर्णय नहीं किया गया है।
उच्चतम न्यायालय को 17 जून को सूचित किया गया था कि 28 राज्यों में से छह राज्यों ने बोर्ड की परीक्षाएं पहले ही करा ली हैं, 18 राज्यों ने परीक्षाओं को रद्द कर दिया है, लेकिन चार राज्यों (असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश) ने अभी तक परीक्षाओं को रद्द नहीं किया है।