अगर कोई मंत्री सही नहीं है तो प्रधानमंत्री को पूरा ध्यान देना होगा, न्यायालय कुछ नहीं कर सकती: SC

बीते दिन शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने एक दायर याचिका पर विचार करने से साफ इंकार कर दिया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने चीन के साथ LAC पर भारत की आधिकारिक स्थिति के संबंध में बयान देकर शपथ का उल्लंघन किया है। न्यायालय ने बोला, यदि कोई मंत्री अच्छा नहीं है तो इस पर प्रधानमंत्री को ध्यान देना होगा। न्यायालय इस मामले में कुछ नहीं कर सकती।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस एएस बोपन्ना तथा हृषिकेश रॉय की पीठ ने तमिलनाडु निवासी याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। रामासामी खुद को विज्ञानी होने का दावा करते हैं। शुरुआत में न्यायालय की पीठ ने बोला, अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं आता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप याचिका दायर करेंगे और उसे हटाने के लिए कहेंगे।
न्यायालय की पीठ ने याचिकाकर्ता से बोला कि ऐसा लगता है कि आप एक विज्ञानी हैं, तो आपको अपनी ऊर्जा का उपयोग देश की खातिर कुछ करना चाहिए। हम इसे खारिज करते हैं। दायर याचिका में केंद्र सरकार को यह भी निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह घोषित करे कि LAC पर चीन के साथ गतिरोध मामले में टिप्पणी कर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है।