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निजी अस्पतालों में उपलब्ध वैक्सीन की प्रत्येक खुराक की कीमत सरकार द्वारा बढ़ाई गई

सरकार ने निजी अस्पतालों में उपलब्ध टीकों की कीमत बढ़ाकर उनकी अधिकतम मूल्य तय कर दिया है। कोविशील्ड के एक खुराक की कीमत 780 रुपये, कोवैक्सीन की 1,410 रुपये और स्पुतनिक-वी की खुराक की कीमत 1,145 रुपये होगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के प्रत्येक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बीते मंगलवार एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने सुझाया कि ज्यादा शुल्क वसूले जाने पर निजी टीकाकरण केंद्रों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पत्र में यह बताया गया है कि निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कोविशील्ड की एक खुराक की अधिकतम कीमत 780 रुपये, जबकि कोवैक्सीन की एक खुराक के लिए 1,410 रुपये और स्पुतनिक-वी की एक खुराक की कीमत 1,145 रुपये होगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से सुनिश्चित करने को बोला है कि विभिन्न निजी टीकाकरण केंद्रों द्वारा घोषित मूल्य निर्धारित कीमतों से अधिक न हो।

मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नागरिकों से निजी टीकाकरण केंद्रों द्वारा अधिक मूल्य वसूले जाने के संदर्भ में लगातार निगरानी रखने का भी आग्रह किया है।

पत्र में यह भी बताया गया, ‘अगर कहीं से भी निर्धारित मूल्य से अधिक शुल्क वसूलने की सूचना मिलती है, तो ऐसे निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों (CVC) के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) अपने कोविशील्ड वैक्सीन को निजी अस्पतालों में 600 रुपये प्रति खुराक (जीएसटी को छोड़कर) पर बेच रहा है।

वहीं, भारत बायोटेक ने निजी प्रतिष्ठानों के लिए अपने कोवैक्सीन की कीमत 1,200 रुपये प्रति खुराक निर्धारित की है। दोनों टीकों की आपूर्ति केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर की जाती है। वहीं, निजी अस्पतालों में स्पुतनिक-वी की आपूर्ति 948 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से की जा रही है।

समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के मुताबिक, मंत्रालय ने बताया कि निजी अस्पताल सेवा शुल्क के रूप में प्रति खुराक अधिकतम 150 रुपये तक ले सकते हैं। राज्य सरकारें इतनी कीमत की निगरानी कर सकती हैं।

मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निजी सीवीसी द्वारा नागरिकों से वसूले जा रहे मूल्यों की नियमित निगरानी करने का भी अनुरोध किया।

उसने बोला, यह भी अनुरोध किया जाता है कि जहां भी टीकाकरण केंद्रों द्वारा घोषित मूल्य की तुलना में अधिक शुल्क लेने के मामले सामने आते हैं, ऐसे किसी भी निजी सीवीसी के खिलाफ उचित सख्त कार्रवाई की जाए।

बीते सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने घोषणा की, केंद्र सरकार 21 जून से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी राज्यों को टीकाकरण के लिए मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करेगी। हालांकि, कई राज्य सरकारों ने पहले ही मुफ्त टीकों की घोषणा कर दी थी।

प्रधानमंत्री ने बोला कि केंद्र ने अब राज्यों को मुफ्त आपूर्ति के लिए वैक्सीन निर्माताओं से 75 फीसदी खुराक खरीदने का फैसला किया है, जबकि निजी क्षेत्र के अस्पताल शेष 25 फीसदी की खरीद करना जारी रखेंगे, लेकिन वे पहले की तुलना में निर्धारित मूल्य से प्रति खुराक 150 रुपये से अधिक नहीं ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने राज्यों को 18 से 44 साल आयु वर्ग के लोगों के लिए भी टीका राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराने संबंधी घोषणा उस वक्त की जब दिल्ली और पंजाब समेत कई विपक्ष शासित राज्यों की सरकारों ने हाल के महीनों में टीके की कमी और राज्य के स्तर पर टीके की खरीद में दिक्कतों का मुद्दा कई बार उठाया था.

वहीं, बीते दिनों टीकाकरण नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई थी और इसे ‘मनमाना’ क़रार देते हुए समीक्षा करने को कहा था।

केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को बोला कि उसने पीएम मोदी द्वारा नई टीका नीति की घोषणा करने के बाद कोविड-19 रोधी टीकों- कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराकों के लिए ऑर्डर दिया है।

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